बॉलीवुड बॉक्स – Sampuran Today https://sampurantoday.live Sun, 13 Apr 2025 04:13:17 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8 खबर उत्तराखंड सिनेमा अनुदान:गढ़वाली फीचर फिल्म “मेरी प्यारी बोई” के भव्य प्रीमियर में पहुंचे सीएम धामी https://sampurantoday.live/2025/04/13/news-uttarakhand-cinema-grant-cm-dhami-reached-the-grand-premiere-of-garhwali-feature-film-meri-pyari-boi/ Sun, 13 Apr 2025 04:13:17 +0000 https://mediaboxindia.com/?p=30680 खबर उत्तराखंड सिनेमा अनुदान : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के सिल्वर सिटी मॉल में आयोजित गढ़वाली फीचर फिल्म “मेरी प्यारी बोई” के भव्य प्रीमियर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस मौके पर उन्होंने उत्तराखंड को देश का नंबर वन फिल्म डेस्टिनेशन बनाने के अपने दृढ़ संकल्प को फिर से दोहराया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरी गंभीरता और एक सुविचारित रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है।

खबर उत्तराखंड सिनेमा अनुदान की बड़ी घोषणा, अब OTT प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने वाली फिल्मों को भी मिलेगा सरकारी अनुदान

मुख्यमंत्री धामी ने फिल्म जगत के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि उत्तराखंड सरकार ने अब डिजिटल युग की मांग को देखते हुए OTT प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने वाली फिल्मों और वेब सीरीज को भी वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है। उन्होंने विस्तार से बताया कि नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम, सोनी लिव, ज़ी5 और जियो सिनेमा जैसे प्रमुख OTT प्लेटफॉर्म पर प्रदर्शित होने वाली फिल्मों और वेब सीरीज को भी सरकार की अनुदान योजना का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य सरकार फिल्म निर्माण के हर क्षेत्र के विकास के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उनका मानना है कि फिल्म निर्माण की गतिविधियों से न केवल राज्य में प्रत्यक्ष रूप से रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, बल्कि उत्तराखंड के अद्वितीय पर्यटन उद्योग को भी एक नई पहचान और मजबूती मिलेगी।

उत्तराखंड के छिपे हुए सौंदर्य को दुनिया देखेगी, नई शूटिंग लोकेशंस विकसित

मुख्यमंत्री ने राज्य में फिल्म शूटिंग को और अधिक आकर्षक बनाने की दिशा में उठाए जा रहे कदमों की जानकारी देते हुए बताया कि पर्यटन विभाग सक्रिय रूप से उत्तराखंड के कोने-कोने में फैले नए और मनोरम शूटिंग स्थलों की पहचान करने में जुटा है। इन चिन्हित स्थलों को देश और दुनिया भर के फिल्म निर्माताओं के बीच प्रमुखता से बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि फिल्मों के माध्यम से उत्तराखंड के उन अपेक्षाकृत कम ज्ञात पर्यटन स्थलों को भी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सके, जो अभी तक पर्यटकों की नज़रों से दूर हैं। उन्होंने फिल्म निर्माताओं को हर संभव सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही नई फिल्म नीति-2024 को लागू कर दिया है, जिससे उत्तराखंड में फिल्म निर्माण की प्रक्रिया पहले से कहीं अधिक सुगम और सुविधाजनक हो गई है।

सिंगल विंडो सिस्टम से मिलेगी तुरंत अनुमति, आकर्षक अनुदान का मिलेगा लाभ

फिल्म निर्माताओं को उत्तराखंड में शूटिंग करने में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि अब शूटिंग की अनुमति सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से प्रदान की जा रही है। इस प्रणाली के लागू होने से अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया में तेजी आई है और यह काफी सरल हो गई है। इसके अतिरिक्त, हिंदी और भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल अन्य सभी भाषाओं की फिल्मों को उत्तराखंड में किए गए कुल खर्च का 30% या अधिकतम ₹3 करोड़ तक का आकर्षक अनुदान प्रदान किया जा रहा है। बड़े बजट (₹50 करोड़ से अधिक) की फिल्मों और विदेशी फिल्मों को भी राज्य में किए गए खर्च का 30% या अधिकतम ₹3 करोड़ तक का अनुदान मिलेगा।

फिल्म उद्योग और पर्यटन का होगा संगम, क्षेत्रीय सिनेमा को मिलेगा विशेष प्रोत्साहन

मुख्यमंत्री ने इस दूरदर्शी योजना को न केवल फिल्म उद्योग के विकास के लिए बल्कि उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि राज्य की अपनी क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए सरकार विशेष रूप से ध्यान दे रही है और इन फिल्मों के निर्माण में राज्य में किए गए खर्च का अधिकतम ₹2 करोड़ का अनुदान प्रदान किया जाएगा। मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड की अनुपम प्राकृतिक सुंदरता और मनमोहक लोकेशंस का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य सरकार का एकमात्र उद्देश्य फिल्म उद्योग को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करके उत्तराखंड को फिल्म निर्माण का एक प्रमुख केंद्र (हब) के रूप में स्थापित करना है।

इस अवसर पर देहरादून के महापौर सौरभ थपलियाल और फिल्म “मेरी प्यारी बोई” की पूरी टीम के साथ बड़ी संख्या में दर्शक उपस्थित थे, जिन्होंने मुख्यमंत्री के इस विजन की सराहना की

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मनोज कुमार के पिता की कही हुई बात बिल्कुल सच हो गई https://sampurantoday.live/2025/04/07/what-manoj-kumars-father-said-turned-out-to-be-absolutely-true/ Mon, 07 Apr 2025 11:33:47 +0000 https://mediaboxindia.com/?p=30589 Chandra Manish

मनोज कुमार की शख्सियत को जिसने भी जाना देशभक्त के रूप में ही पहचाना जन्म के समय हरि दर्शन गोस्वामी और हरि कृष्ण गोस्वामी थे फिर मनोज कुमार हुए और आखिरी दम तक मनोज भारत कुमार रहे.मनोज कुमार के पिता की कही हुई बात बिल्कुल सच हो गई

मनोज कुमार के किस्से तो बहुत सुने होंगे आपने

एक बार मनोज कुमार के पिता से उनके दोस्त ने कहा कि मेरा लड़का कुछ ऐसा काम करेगा कि इतिहास जानेगा… और फिर उसके बाद मनोज के पिता से मित्र ने पूछा कि तुम्हारा लड़का क्या करेगा…इस पर मनोज कुमार के पिता ने कहा मेरा बेटा इतिहास लिखेगा..जब पिता से किसी ने कहा कि आपका लड़का क्या खूब लिखता है तो उन्होंने कहा इसमें क्या कमाल की बात है वो वारिस शाह के गांव का रहने वाला है इस गांव का बच्चा-बच्चा लिख सकता है.

तू तो मेरा भगता जैसा दिखता है -भगत सिंह की मां

और ये बात सच भी हुई मनोज कुमार ने जब शहीद फिल्म में भगत सिंह का रोल किया.. तो फिल्म देखकर भगत सिंह की मां ने कहा “तू तो मेरा भगता जैसा दिखता है.. वो भावुक हो उठे .. उनकी आंखें छलक उठीं और फिर मनोज कुमार ने फिल्मों को देश के लिए जिया देश के लिए फिल्माया*जिसने भी भगत सिंह को नहीं देखा है वो केवल शहीद फिल्म देख ले भगत सिंह फिल्मी पर्दे पर जी उठते हैं और देश के लिए मर मिटते हैं…

ना तो मैं किसान दिखता हूं और ना ही मै जवान हूं

भगत सिंह के किरदार में इसी शहीद फिल्म को देखकर जब प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने पूरी स्टार कास्ट को अपने घर चाय पर बुलाया तो उन्होंने कहा कि ना तो मैं किसान दिखता हूं और ना ही मै जवान हूं .. शास्त्री जी ने पूछा कि आपको क्या लगता है …. मनोज ने कहा यह बात सारे हिंदुस्तान से पूछिए बस आपका आशीर्वाद चाहिए बाबूजी .शास्त्री जी ने कहा क्या तुम किसान और जवान दोनों को मिलाकर देश के लिए कोई फिल्म कोई कहानी बना सकते हो… उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री के पैर छुए और आशीर्वाद लेकर कहा हो जाएगा..

सरपट पटरियों पर दौड़ती हुई रेलगाड़ी में दिल्ली से मुंबई पहुंचने के बीच में ट्रेन में ही जय जवान जय किसान की कहानी को समेट कर भारत की सौंधी मिट्टी के गांव के किसान की सोच को देशभक्ति में पिरो कर उपकार लिख चुके थे.. अब सभी की जुबान पर मेरे देश की मिट्टी सोना उगले उगले हीरे मोती है …

पूरब पश्चिम में भारत का रहने वाला हूं भारत की बात सुनाता हूं ..भारत की हस्ती को बयां करने वाला ये गीत सिर्फ और सिर्फ मनोज यानी कि भारत कुमार पर ही सजता है क्रांति रोटी कपड़ा और मकान उनकी हर फिल्म के मकसद में देश की मोहब्बत ही है … चाहे तो उठा कर कोई भी फिल्म देख लीजिए नर्माई और विनम्रता से भीगा हुआ ये चेहरा जब डायलॉग डिलीवरी देता तब वह एक्टिंग बिल्कुल नहीं लगती थी इतना ओरिजिनल एक्टर फिल्मी दुनिया में कम ही मिलता है जिसमें देश का कैरेक्टर हो…

भारत कुमार ने भी फिल्मों में आने के लिए संघर्ष किया वो भी रातों को रेलवे स्टेशन और तमाम तंग जगहों में रहकर मुकाम पर पहुंचे थे.. देशभक्त की छवि बनने के बाद खुद मनोज कुमार के हवाले से बताया गया कि जब देश के लोग उनको देश की गरिमा समझते हैं तो उनका आचरण भी स्क्रीन पर वैसा ही नजर आना चाहिए और इसीलिए उन्होंने अपनी एक्टिंग में कभी भी किसी भी तरह का ऐसा सीन नहीं किया जिससे देश की गरिमा की गाथा बताने वाले शख्स को लोग हल्का समझें।

फिल्मी करियर

80 साल के भिखारी का रोल निभाकर अपने करियर की शुरुआत फिल्म फैशन 1957 से की थी और इसके बाद बतौर मुख्य भूमिका 1960 में आई कांच की गुड़िया से लेकर 1995 की मैदान-ए-जंग तक उनके सफल रहा इस बीच मनोज भारत कुमार बनकर छाए रहे शहीद, उपकार पूरब पश्चिम क्रांति, शोर ,रोटी कपड़ा और मकान की तरह आपने अनगिनत फिल्मों में देश और देश काल को ही जिया।

मनोज पहले ऐसे लेखक हैं जिन्हें भारत सरकार ने सबसे पहले स्टोरी राइटर का अवार्ड दिया।
भारत कुमार को पद्मश्री और दादा साहब फाल्के जैसे पुरस्कारों से भी नवाज कर भारत के श्रेष्ठ नागरिक का दर्जा दिया गया।

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Photo – Google

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